महाराजा एक सुपर नेचुरल एडवेंचर फिल्म थी जिसे रिलीज किया गया था 4 सितम्बर, 1998 को इस फिल्म में हमें गोविंदा के साथ मनीषा कोइराला, राज बब्बर ,सलीम घोष, शक्ति कपूर , कुलभूषण खरबंदा और अरुणा ईरानी और कई एक्टर ऐक्ट्रेस नजर आए थे ।
फिल्म को डायरेक्ट किया था अनिल शर्मा ने जो की गदर एक प्रेम कथा डायरेक्ट करने के लिए जाने जाते है , यू तो महाराजा उन्होंने गदर डायरेक्ट करने से पहले बनाई थी मगर महाराजा से पहले उन्होंने ज्यादातर फिल्में धर्मेंद्र के साथ की थी ।
फिल्म महाराजा के पहले अनिल शर्मा धर्मेंद्र के साथ में हुकूमत ,एलान-ए-जंग, फरिश्ते और तहलका जैसी फिल्मों कर चुके थे, हुकूमत वर्ष 1987 की सबसे सफल फिल्मों से एक थी।
अब फिर से अपने टॉपिक महाराजा की बात करते है, महाराजा फिल्म की की स्टोरी लिखी थी अनिल शर्मा और श्याम गोयल ने और फिल्म को प्रोड्यूस किया था नारायण दास मखीजा ने जो कि उनकी बॉलीवुड में प्रोड्यूसर के तौर पहली और आखिरी फिल्म थी ।
फिल्म स्टोरी
यह फिल्म राजकुमार कोहिनूर के बारे में थी, जिसके परिवार को उसके चाचा ने इस उम्मीद में मार डाला था कि वह इस भविष्यवाणी को झुठला देगा कि वह एक युवा राजकुमार के हाथों मरेगा, जिसके पास भी महाशक्तियाँ हैं। हालाँकि, युवा राजकुमार बिना किसी चोट के बच निकलता है और 20 साल बाद, अपने परिवार की हत्या का बदला लेने और अपना राज्य वापस लेने के लिए वापस आता है,गोविंदा ने महाशक्तियों वाले राजकुमार कोहिनूर का किरदार निभाया था, जबकि उनके चाचा का किरदार मुख्य प्रतिपक्षी सलीम गौस ने निभाया था।
संगीत और गीत
फिल्म के अंदर म्यूजिक दिया था नदीम-श्रवण ने फिल्म में टोटल सात गाने इसके म्यूजिक एल्बम में रखे गए थे, प्ले म्यूजिक एल्बम काफी अच्छा था और इसको लोगों के द्वारा काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिला था और फिल्म के कुछ गाने तो लोग आज भी सुनना काफी पसंद करते हैं फिल्म के पॉपुलर गाने थे "जब तुम आ जाते हो सामने", "महाराजा की कहानी" "इश्क मोहब्बत" और "मेरा प्यारा मुखड़ा एक नंबर" इन सारे गाने के लिरिक्स लिखे थे समीर ने और इन सारे सुपरहिट गानों में अपनी आवाज दी थी जाने माने सिंगर्स उदित नारायण,कविता कृष्णमूर्ति,सोनू निगम और शंकर महादेवन ने ।
बजट और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
अब बात करते हैं फिल्म के बजट और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में तो फिल्मों का बजट रखा गया था लगभग 5 करोड़ 75 लाख रुपए और फिल्म ने इंडिया में कलेक्शन किया था लगभग 6 करोड़ 35 लाख रुपए और वर्ल्डवाइड में इसने कलेक्शन किया था लगभग 11 करोड़ 20 लाख रुपए और कोट टाइम पर बॉक्स ऑफिस पर एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी । इस फिल्म को संयम पर 175 स्क्रीन के साथ रिलीज किया गया था और इस फिल्म को देखने उस टाइम पर लगभग संतान लाख 58 हजार लोग सिनेमाघरों में आए थे और यह सन् 1998 में बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में 19वें नंबर पर थी ।
1998 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 5 फिल्मे
वर्ष 1998 पहले नंबर पर थी फिल्म "कुछ कुछ होता है"दूसरे नंबर पर थी "प्यार तो होना ही था" तीसरे नंबर पर थी "सोल्जर" चौथी पर थी "बड़े मियां छोटे मियां" और पांचवें नंबर पर कब्जा किए हुईं थी "प्यार किया तो डरना क्या"
बात करते हैं फिल्म से जुड़े बहुत सारे अननोन फैक्ट्स के बारे में
फैक्ट नंबर वन
डायरेक्टर अनिल शर्मा सन 1987 में आई सुपर हीरो फिल्म मिस्टर इंडिया से काफी प्रभावित हुए थे और फिल्म मिस्टर इंडिया के लगभग तीन साल बाद ही 1990 में अनिल शर्मा ने भी एक सुपर नेचुरल पॉवर के ऊपर बेस्ड एक डिफरेंट मूवी बनाने का प्लान किया, वे उस वक्त फिल्म को महाराज नाम से 1990 में शुरू करने की सोची थी, जिसे अभिनेता राजन सिप्पी प्रोड्यूस करने को तैयार थे । फिल्म के लिए जैकी श्रॉफ को लिया जाने वाला था लेकिन जब अनिल शर्मा ने जैकी से रोल की बात की तो उन्होंने मना कर दिया।
फिर उन्होंने अनिल कपूर और श्रीदेवी से बात की, जो जोड़ी पहले ही सुपरहीरो शैली की फिल्म मिस्टर इंडिया में काम कर चुकी थे, अनिल कपूर चाहते थे कि इस फिल्म के अंदर उनके अपॉजिट किसी नई एक्सप्रेस को कास्ट किया जाए क्योंकि उनका कहना था कि वह श्रीदेवी के साथ इसके पहले बहुत सारी फिल्मों में एक साथ काम कर चुके हैं और इसके अलावा काफी सारी आने वाली फिल्मों के अंदर भी वह श्रीदेवी के साथ ही नजर आने वाले हैं।
इस वजह से अनिल कपूर ने उस टाइम पर डायरेक्टर को रिक्वेस्ट किया था कि इस फिल्म में के अंदर उनके अपॉजिट मनीषा कोइराला को कास्ट किया जाए जो की उस टाइम पर बॉलीवुड में अपना डेब्यू सुभाष घई की फिल्म सौदागर से करने वाली थीं लेकिन सुभाष घई नहीं चाहते थे कि मनीषा कोइराला उनकी फिल्म सौदागर के पहले किसी और फिल्म के अंदर नजर आएं और सुभाष घई ने मनीषा कोइराला को इस फिल्म के अंदर काम करने से मना कर दिया था और इस फिल्म को बनाने में उस टाइम पर कुछ और प्रॉब्लम्स भी सामने आ रही थी एक ही श्रीदेवी चाहती थी कि इस फिल्म को फीमेल सुपर हीरो के तौर पर बनाया जाय और इस फिल्म का टाइटल महारानी रखा जाए।
फिल्म के बनने में इतनी प्रॉब्लम्स को देखते हुए राजन सिप्पी ने इस फिल्म से दूरी बना ली और उन्होंने 1990 में "अंबा" नाम की फिल्म को प्रोड्यूस किया था और उस टाइम पर डायरेक्टर अनिल शर्मा ने भी फिल्म को बनाने का प्लान छोड़ दिया था और आगे चलकर सन 1992 में उन्होंने एक्शन एडवेंचर फिल्म तहलका बनाई थी यह फिल्म 1992 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी और इसे बॉक्स ऑफिस इंडिया द्वारा हिट घोषित किया गया था, यह फिल्म हॉलीवुड की एक्शन एडवेंचर फिल्मों "द गन्स ऑफ नवारोन" और "व्हेयर ईगल्स डेयर" पर आधारित थी।
1992 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तीन फिल्में
वर्ष 1992 कमाई के मामले में पहले पायदान पर थी अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की फिल्म बेटा,दूसरी पर थी दिव्य भारती और ऋषि कपूर की दीवाना और अमिताभ और श्रीदेवी की फिल्म खुदा गवाह तीसरे नंबर पर थी।
फैक्ट नंबर दो
डायरेक्टर अनिल शर्मा गोविंदा के एक्टिंग से काफी प्रभावित थे और उन्होंने अपनी फिल्म में महाराजा के अंदर गोविंदा को लीड एक्टर के तौर पर कास्ट करने का फाइनल किया था हालांकि उस टाइम पर उन्हें काफी सारे अपने सजेस्ट किया था कि वह इस फिल्म के अंदर गोविंदा को कष्ट ना करें क्योंकि गोविंदा कुछ टाइम पर लोग सीरियस फिल्मों से ज्यादा कॉमेडी फिल्मों में देखना ज्यादा पसंद कर रहे थे लेकिन अनिल शर्मा ने अपनी इस फिल्म के अंदर गोविंदा को ही कास्ट किया और यह फिल्म उनकी गोविंदा के साथ पहली और आखिरी फिल्म साबित हुई थी ।
फिल्म महाराजा बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी और एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी और इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाने के बाद अनिल शर्मा ने लगभग 3 साल बाद सनी देओल के साथ सन 2001 में एक ब्लॉकबस्टर फिल्म गदर बनाई थी
हालांकि गोविंदा ने एक बार आगे चलकर आप की अदालत की एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि फिल्म गदर के अंदर पहले लीड ऐक्टर के तौर पर अनिल शर्मा ने गोविंदा को अप्रोच किया था लेकिन गोविंदा ने इस फिल्म के अंदर काम करने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि इस फिल्म में के अंदर बहुत ज्यादा डायलॉग्स रखे गए थे इसके अलावा फिल्म गदर के अंदर कुछ और भी ऐसी चीजें थीं जो गोविंदा उस टाइम पर नहीं करना चाहते थे इस वजह से फिल्म गदर के अंदर गोविंदा ने काम करने से मना कर दिया था।
लेकिन अनिल शर्मा इस बात का खण्डन करते हुए उन्होंने आरजे सिद्धार्थ कन्नन से कहा, "शायद उन्हें गलतफहमी हुई कि मैं उन्हें फिल्म में लेना चाहता हूं और इस तरह से अफवाहों की शुरुआत हुई।" "मैं उनके साथ एक नहीं बल्कि 10 फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं उनके साथ गदर कभी नहीं करना चाहता था। सनी देओल केंद्रीय भूमिका के लिए पहली और आखिरी पसंद थे।
और जहां तक हीरोइनों की बात है, मैंने उस समय की कई बड़ी अभिनेत्रियों से संपर्क किया था; नीलम निश्चित रूप से उनमें से एक नहीं थीं। उन सभी को कोई न कोई समस्या थी। कुछ को कहानी पसंद नहीं आई, दूसरों को हम पसंद नहीं आए।कुछ के अपने निजी एजेंडे थे, कुछ ऐतिहासिक फिल्में नहीं करना चाहती थीं की हाला टाइम पर कई लोगों का यह भी कहना था कि महाराजा जैसी एक बड़ी फिल्म के फ्लॉप हो जाने के बाद गोविंदा दोबारा से अनिल शर्मा के साथ किसी फिल्म के अंदर काम करना नहीं चाहते थे इस वजह से उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था लेकिन अब शायद गोविंदा सोचते होंगे कि अगर उन्होंने उस टाइम पर फिल्म गदर में काम किया होता तो उनके कैरियर में एक और ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म शामिल हो जाती।
फैक्ट नंबर 3
फिल्म महाराजा में हमें गोविंदा और मनीषा कोइराला नजर आए थे एक्चुअली मनीषा कोइराला काफी टाइम से गोविंदा के साथ किसी फिल्म के अंदर काम करने का प्लान बना रही थी और सन् 1997 और 98 के दौरान इन दोनों ने एक साथ लगभग तीन फिल्मों को साइन किया था।
यह तीनों फिल्म थी "बीवी नंबर वन" ,"अचानक" और "महाराजा" दरअसल इन दोनों की जोड़ी सबसे पहले डेविड धवन की फिल्म बीवी नंबर वन के अंदर हमें एक साथ नजर आने वाली थी और उस टाइम पर इन दोनों ने 1997 में आई फिल्म "लोहा" के अंदर एक सीन के दौरान अपनी फिल्म बीवी नंबर वन को प्रमोट भी किया था "जिसके अंदर मनीषा कोइराला पहले तो गोविंदा की पिछली फिल्मों जैसे कुली नंबर वन ,हीरो नंबर वन का नाम लेती है और बोलती है कि अब मैं बनूगी उनकी बीवी नंबर वन" हालांकि बाद में "बीवी नंबर वन" फिल्म इन दोनों के साथ नहीं बन पाई थी और डेविड धवन ने बाद में इस फिल्म के अंदर सलमान खान और करिश्मा कपूर को कास्ट किया था और गोविंदा और मनीषा कोइराला की जोड़ी हमें 1998 की दो फिल्में अचानक और महाराजा में बस नजर आई थी इसके अलावा यह दोनों हमें आगे भी किसी फिल्म के अंदर एक साथ नजर नहीं आए थे।
फैक्ट नंबर 4
इस फिल्म के अंदर सबसे पहले म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर अनु मलिक को अप्रोच किया गया था लेकिन अनु मलिक ने उस टाइम पर किसी कारण की वजह से इस फिल्म में के अंदर म्यूजिक देने से मना कर दिया था और अनु मलिक के बाद इस फिल्म के लिए म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर नदीम श्रवण को एप्रोच किया गया था और 1998 में रिलीज हुई यह मात्र एक ऐसी फिल्म थी जिसके अंदर नदीम श्रवण ने अपना म्यूजिक दिया था ।
लगभग एक साल पहले , 12 अगस्त1997 को टीसीरीज म्यूजिक कंपनी के ओनर गुलशन कुमार की मुंबई अंडरवर्ल्ड के द्वारा 16 गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और बाद में मुंबई पुलिस के इन्वेस्टिगेशन के दौरान उन्होंने नदीम श्रवण को भी इसके लिए दोषी ठहराया था पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि नदीम श्रवण अबू सलीम के संपर्क में थे और गुलशन कुमार की डेथ के बाद नदीम श्रवण इंडिया छोड़कर लंदन जाकर शिफ्ट हो गए थे।
जहां नदीम-श्रवण एक साल के अंदर कम से कम 14 से 15 दिनों के अंदर अपना म्यूजिक देते थे वहीं सन् 1998 से लेकर सन दो हजार के बीच में उन्होंने केवल चार फिल्मों के अंदर अपना म्यूजिक दिया था इनमें से सन् 1998 में नदीम-श्रवण के म्यूजिक के साथ केवल फिल्म महाराजा ही रिलीज हुई थी जिसके लिए काफी पहले से ही नदीम-श्रवण ने अपना म्यूजिक रिकॉर्ड कर लिया था।
आगे चलकर सन 2002 में नदीम श्रवण को इन सारे चार्ज से बरी कर दिया गया था और वह दोबारा से इंडिया वापस आ गए थे और फिल्मों के अंदर दोबारा से अपना म्यूजिक देने लगे थे।
फैक्ट नंबर पांच
फिल्म महाराजा की शूटिंग काफी खूबसूरत लोकेशंस पर की गई थी फिल्म के बहुत सारे सीन काफी नेचुरल लोकेशंस पर शूट किए गए थे और फिल्म के अंदर दिखाए गए बहुत सारे महल वाले सीन को राजस्थान के जयपुर और शहर के आसपास की लोकेशंस पर शूट किया गया था और फिल्मों के बहुत सारे सीन फिल्मिस्तान स्टूडियो और कमालिस्तान स्टूडियो में शूट किए गए थे।
इसके अलावा फिल्म के बहुत सारे सीन राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड ,लक्ष्मी विलास पैलेस उदयपुर, सज्जनगढ़ होटल, हिलटॉप लेक, सिटी पैलेस जयपुर ,गोलकुंडा किला हैदराबाद, संजय गांधी जूलॉजिकल पार्क, और पनवेल की लोकेशंस के आसपास सूट किए गए थे।
फैक्ट नंबर 6
फिल्म महाराजा जब रिलीज हुई थी तो गोविंदा की अभिनय की काफी तारीफ की गई थी लेकिन उस टाइम पर आलोचकों ने बोला कि फिल्म के फ्लॉप होने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी इस फिल्म की स्टोरी लाइन और फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स उनका कहना था कि फिल्म की स्क्रिप्ट पर काफी कमजोर थी और फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स तो बहुत ही ज्यादा बेकार थे ।
फिर देखिए बहुत सारे सीन में तो साफ-साफ समझ में आता है कि यह कंप्यूटर ग्राफिक से बनाए गए हैं और अगर फिल्म मेकर्स चाहते तो उस टाइम पर फिल्म को थोड़ी और बेहतर बना सकते थे, लेकिन फिल्म का यह क्वेश्चन काफी बेकार था हालांकि उस टाइम पर फिल्मों के कुछ गानों और सींस को प्रोमो के तौर पर टीवी पर देखने के बाद लोगों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें थी लेकिन जब यह फिल्म रिलीज हुई तो एक फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी हालांकि कुछ जगहों पर लोगों के द्वारा इस फिल्म को काफी पसंद भी किया गया था।